बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता राजकुमार राव के लिए एक पुराना मामला फिर से चर्चा का विषय बन गया है। अभिनेता ने जालंधर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। यह मामला आठ साल पहले का है, जब उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था। इस मामले में उनके खिलाफ पहले से ही शिकायत दर्ज थी। समन जारी होने के बावजूद जब वह अदालत नहीं पहुंचे, तो उन्होंने खुद जाकर सरेंडर किया। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।
कोर्ट में सरेंडर करने का कारण अभिनेता ने कोर्ट में सरेंडर क्यों किया?
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द ट्रिब्यून और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला 2017 में रिलीज हुई फिल्म 'बहन होगी तेरी' से जुड़ा है। कोर्ट ने पहले राजकुमार राव के खिलाफ समन जारी किया था, लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। इसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। अब उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है और इस मामले में अपना पक्ष रखा है।
वकील का बचाव वकील ने दी दलील
अभिनेता ने जालंधर कोर्ट में नकाब पहनकर प्रवेश किया। उनके वकील दर्शन सिंह दयाल ने अभिनेता का बचाव करते हुए कहा कि राजकुमार राव वर्तमान में मुंबई में रहते हैं और उन्हें समन नहीं मिला। इसी कारण वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। जब उन्हें मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने खुद अदालत में पेश होने का निर्णय लिया। वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उन्हें ज़मानत दे दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
मामले का विवरण क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, फिल्म 'बहन होगी तेरी' में राजकुमार राव ने भगवान शिव का रूप धारण कर बाइक पर बैठने का दृश्य प्रस्तुत किया था। इसके बाद एक जालंधर निवासी ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मामला दर्ज कराया। इस मामले में फिल्म के निर्देशक अजय के पन्नालाल और निर्माता टोनी डिसूजा को भी जालंधर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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